What is Atharvaveda in Hindi: Definition of Vedas and Upanishad

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हम सभी जानते हैं कि वेद चार प्रकार के होते हैं और अब तक हमनें जाना 03 वेदों के बारे में तो चलिए जानते हैं इस वेद के बारे में भी।

  • यह वेद अथर्व ऋषि द्वारा रचित है
  • इसमें रोग, निवारण, तंत्र, मंत्र, जादू टोना, वशीकरण, शाप, अाशीर्वाद, स्तुति, प्रायस्चित, अनुसंधान, विवाह, प्रेम, राजकर्म, मातृभूमि-महात्मय आदि विभिन्न विषयों से संबंध मंत्र तथा सामान्य मनुष्यों के विचारों, विश्वासों, अंधविश्वासों आदि का वर्णन है।
  • यह वेद 20 अध्यायों में संगठित है तथा इसमें 700 सूक्त तथा 6000 के लगभग मंत्र हैं
  • अथर्ववेद कन्याओं के जन्म की निंदा करता है।
  • इसी वेद में सभा तथा समिता की दो पुत्रियां कहा गया है।
  • सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद तथा सबसे बाद का वेद अथर्ववेद है।
  • इसे अनार्यों की कृति माना जाता है

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